नागा कबीले जो कभी गुलाम नहीं रहे, 16-पॉइंट एग्रीमेंट और प्रकृति की गोद, नागालैंड की अनकही दास्तां - fasttrack
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नागा कबीले जो कभी गुलाम नहीं रहे, 16-पॉइंट एग्रीमेंट और प्रकृति की गोद, नागालैंड की अनकही दास्तां

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एक दिसंबर, 1963 को वह दिन था, जब नागालैंड को एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. बीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य का उपन्यास 'यारुइंगम', जो 1950 के दशक में लिखा गया था और 1960 में प्रकाशित हुआ, आत्मनिर्णय के लिए नागा आंदोलन पर केंद्रित था. 'यारुइंगम' शब्द का अर्थ है जनता का शासन.

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