बालो सेठ के बेटे खेमचंद लोकल 18 को बताते हैं कि 1989 में इस काम की शुरुआत उनके पिता द्वारा की गई थी. पिता पहले इस काम को ठेले पर किया करते थे. धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे. 1999 में हमने महोली रोड स्थित एक दुकान किराये पर ली.
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मथुरा में मशहूर बालो सेठ के गोलगप्पे, आधे घंटे इंतजार के बाद आता है नंबर
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